श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-2
कक्षा/Class - 14
Sign in to Google to save your progress. Learn more
Q1. कर्मों की सूक्ष्म व्यवस्थाओं को जानना किसके ज्ञान का विषय है?
2 points
Q2. कौन से भाव कर्म निर्जरा में सहायक नहीं है?
2 points
Q3. मिथ्यात्व का उदय कौन सा भाव है?
1 point
Clear selection
Q4 . संयमासंयम में कौन सी कषाय का उदय नहीं रहेगा?
1 point
Clear selection
Q5 . क्षयोपशम का अर्थ क्या है?
2 points
Q6. सकल चारित्र का पर्यायवाची क्या  है?
1 point
Clear selection
Q 7 . अनंतानुबंधी कषाय किस वंश की है ?
1 point
Clear selection
Q 8. सम्यग्दर्शन का घात कौन सी कषाय करती है ?
1 point
Clear selection
Q9 अप्रत्याख्यान कषाय के उपशम के बाद कौन सी कषाय का उदय रहेगा ?
2 points
Q 10. कौन सी कषाय का उदय सकल चारित्र के साथ रहता है ?          
1 point
Clear selection
Q 11. कौन सी कषाय के सर्वघाती स्पर्धक होते है ?
2 points
Q12. कौन सी कषाय के उदय में आत्मा में सकल संयम प्रकट नहीं होता है ?
2 points
Q13. कौन सी कषाय का उदय एकदेश चारित्र के साथ रहता है ?          
2 points
Q 14. कौन सी कषाय का उदय क्षायिक चारित्र के साथ नहीं रहता है ?
2 points
 Q15. कौन सी कषाय 10 वें गुणस्थान तक रहती है ?
1 point
Clear selection
Q16.  कौन सा भाव कर्म बंध का कारण  है?
1 point
Clear selection
Q17. कौन सा भाव  कर्मों  का संवर और निर्जरा का कारण है?  
2 points
Q18 संज्वलन कषाय कितने समय तक रह सकती है
1 point
Clear selection
Q19. प्रत्याख्यान कषाय कितने समय तक रह सकती है?
1 point
Clear selection
Q20. अप्रत्याख्यान कषाय कितने समय तक रह सकती है?
1 point
Clear selection
 Q21. अनंतानुबधी कषाय भवों  भवों  तक चलती है यह कथन कैसा है?
1 point
Clear selection
Submit
Clear form
This form was created inside of Arham Dhyan Yog. Report Abuse