श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-6 अभ्यास : Revision Class 09
Sign in to Google to save your progress. Learn more

- - - - शुभस्य ।

1 point
Clear selection

सबसे बड़ी पुण्य प्रकृति है -

1 point
Clear selection

तीर्थंकर प्रकृति के बंध के लिए आवश्यक है -

2 points

तीर्थंकर प्रकृति का बंध प्रारंभ करने योग्य गुणस्थान है-

1 point
Clear selection

भोगभूमि का चतुर्थ गुणस्थानवर्ती जीव तीर्थंकर प्रकृति का बंध प्रारंभ कर सकता है।

1 point
Clear selection

कौनसे सम्यग्दृष्टि के तीर्थंकर प्रकृति का बंध हो सकता है?

2 points

तीर्थंकर प्रकृति का बंध कौनसे गुणस्थान तक चलता है?

1 point
Clear selection

तीर्थंकर प्रकृति की बंध व्युच्छित्ति कौनसे गुणस्थान में होती है -

1 point
Clear selection

महावीर भगवान के तीर्थंकर प्रकृति का उदय कब हुआ?

1 point
Clear selection

भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक के समय उनके तीर्थंकर प्रकृति थी -

1 point
Clear selection

तीर्थंकर प्रकृति का बंध करने वाले के आयुबंध नहीं हुआ हो तो उसका अगला भव - – का होगा

1 point
Clear selection

इस भव में तीर्थंकर बनने वाले जीव का पिछला भव देव या नारकी का होता है।

1 point
Clear selection

विदेह क्षेत्र के तीर्थंकर कितने कल्याणक वाले होते है?

2 points

तीर्थंकर प्रकृति का बंध करने वाले जीव का अगला भव कौनसा हो सकता है?

1 point

शीलव्रत कौनसे है?

2 points

अभीक्ष्ण का अर्थ है?

1 point
Clear selection

पांचवीं भावना का नाम क्या है?

1 point
Clear selection

संवेग का अर्थ है-

1 point
Clear selection
. … . भावना का दूसरा नाम प्रासुक परित्याग भावना है।
1 point
Clear selection
सोलहकारण भावनाओं के नाम बताइये।
2 points

प्रासुक परित्याग भावना क्या है?

1 point
Clear selection

किस आयु का बंध हो जाने के पश्चात्, तीर्थंकर प्रकृति के बंध का प्रारम्भ नहीं होता?

2 points

तीर्थंकर प्रकृति का सद्‌भाव किस- किस गति में हो सकता है?

2 points
दर्शन विशुद्धि भावना क्या है?
2 points

विनय संपन्नता भावना क्या है?

1 point
Clear selection

दूसरी भावना का क्या नाम है?

1 point
Clear selection
शुभ नामकर्म के आस्त्रव के कारण  है -
2 points

अशुभ नामकर्म के आस्त्रव के कारण है-

1 point
Clear selection

किससे अशुभ नामकर्म का बंध होगा ?

2 points

अपने शरीर पर अभिमान करने से शुभ नामकर्म का आस्त्रव होता है ।

1 point
Clear selection

विसंवाद का अर्थ है -

1 point
Clear selection

विसंवाद है -

2 points

धर्म क्रियाओं में प्रवृति करने वाले को भ्रमित करना विसंवाद है।

1 point
Clear selection
Submit
Clear form
This form was created inside of Arham Dhyan Yog. Report Abuse