संदेह निवारिणी (पुनर्स्मरण) - अध्याय - 15 Revised - प्रश्नावली
ॐ श्री साईं राम!
क्विज (प्रश्नोत्तरी)
संदेह निवारिणी (पुनर्स्मरण) - अध्याय - 15 - प्रश्नावली
प्रिय साईं परिवार सदस्य, सप्रेम
साईंराम! सारे भक्त/साधकों से , जो वाहिनी पारायण कर रहे हैं, अनुरोध है कि क्विज के द्वारा अपनी प्रज्ञा को पुनः तरोताजा कर लें। -
श्री सत्या साईं वाहिनी पारायण ‌टीम - हेल्पलाइन   -- 23nov1926@gmail.com / WhatsApp 9440896720
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1. ध्यान में प्रगति का अर्थ क्या है? *
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2. धयानाभ्यास के दौरान क्या क्या बाधाएं उत्पन्न होती है? *
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3. ध्यान की प्रगति में  लोगों के गलत धारणाओं को भगवान ने कैसे सुधार किया? *
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4. सही जोड़ी का मिलान करें---
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5. ध्यान रूप प्रारंभ-सहित और अंत-सहित है, अतः फल-धारणा का ऐलान और अंत हो सकता है। *
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6. बुद्धिमानी यही होगी कि यात्रा आरंभ करने से पहले किसी ऐसे व्यक्ति के पास जाकर जो उसी रास्ते पर पहले भी सफर कर चुके हैं, बीच के स्टेशनों आदि के नाम लिख लिए जाएं। *
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7. सही जोड़ी मिलान करें -- *
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8. बाढ़ को जानने के प्रयास में बूंद की खोज मत‌ करो। जब तुमने सागर को प्राप्त कर लिया है (जो सभी बूंद का आधार है), तब तुम्हें बूंद की माया नहीं सताएगी। *
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9. उन साधकों से परामर्श करना असम्भव है जो लक्ष्य तक यात्रा पूरी कर चुके हैं, क्योंकि वे अब वापिस नहीं आएंगे। ऐसे में हमें आध्यात्मिक यात्रा पूरी करने में कौन मार्गदर्शन करेगा? *
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10. गुरु मार्ग दिखाता है, शिक्षा भी देता है, अतः आदर और आभार व्यक्त करो, इसलिए उन्हें सर्व शक्तिमान तथा सर्व व्यापी  समझो। *
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यदि कोई सुझाव हो तो,
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