समय की जानेवाली निर्जरा,साधु के आहार के समय होनेवाली निर्जरा से
नहीं बाढ़ पर क्रोध किया,वे आत्मा में ही डूब गए ॥किस धर्म का पालन किया?
यश पाने को मीठे वचनों ,का पहना था बाना॥
ये क्या है?
वैसे ही यह विनयवन्त भी ,गुरु चरणों में रुकता है॥ये पंक्तियाँ कौनसा धर्म दर्शाती हैं?
किंतु ऋषीश्वर क्लेश ना करते ,नहीं मार्ग से डिगते हैं॥
यहां कौनसा धर्म है?
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