श्री तत्त्वार्थ सूत्र जी अध्याय -7
Class 22
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1.प्रमाद या अज्ञान के कारण व्रतों में स्खलन अतिचार नहीं है ।यह कथन कैसा है?

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2. व्रतों में लगने वाले दोष बताएं ।

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3.व्रत के प्रति मन में शुद्धि की कमी क्या है?
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4.संस्कृत सामायिक पाठ के रचयिता कौन हैं?
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5.व्रत भंग होने पर कौनसा दोष होता है?
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6.व्रत का एकदेश भंग होना कौनसा दोष है?
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7.सम्यग्दर्शन के अतिचार पहचानिए
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8.किसके कारण व्रत बना भी रहता है लेकिन निर्दोष नहीं कहलाता?
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9.सम्यग्दर्शन के कितने अतिचार होते हैं?
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10.वर्तमान में कौनसा सम्यग्दर्शन होता है?

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11.कौनसा सम्यग्दर्शन अतिचार सहित हो सकता है?

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12.जिनेंद्र भगवान द्वारा बताये गये वचनों पर दृढ़ श्रद्धान रखना क्या है?

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13.चक्रवर्ती के वैभव आदि की प्राप्ति के लिये व्रत ग्रहण करना क्या है?

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14.सम्यग्दृष्टि जीव को संसार सुख की प्राप्ति आकांक्षा से होती है ।यह कथन कैसा है?

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15.वस्त्रधारियों को भी मोक्ष हो तो सकता है,ऐसा मानना क्या है?

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16.चक्रवर्ती की संपदा,इंद्र सरीखे भोग।

काकबीट सम गीनत हैं,सम्यग्दृष्टि लोग॥ इन पंक्तियों में कौनसा भाव है?

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17. सम्यग्दर्शन में चल , मल , अगाढ़ दोष किस कारण से लगते हैं?

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18 . हमारे दो सूर्य व दो चंद्रमा है । इस पर विश्वास ना कर पाना कौनसा दोष है?

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19 . किसी व्यंजन के पहले ग्रास को खाते ही , यह आलू की बनी है ,जानकर भी खाते जाना कौनसा दोष है?

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