श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-2
कक्षा/Class - 13
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Q1. अनंतानुबंधी कषाय  के नाश से क्या होता है ?
2 points
Q2. सम्यक्त व के घात में कारण?
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Q3.  सम्यक दर्शन की घातक कषाय कौन सी है ?
1 point
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Q4. अप्रत्याख्यान शब्द का क्या अर्थ है ?
2 points
Q5. अप्रत्याख्यान कषाय आत्मा के कौन से गुण का घात करती है?
2 points
Q6. अप्रत्याख्यान कषाय क्या नहीं करने देता?
2 points
Q7. कषाय का सही क्रम चुनिए
1 point
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Q8.  अप्रत्याख्यान  कषाय का अभाव होने पर किस का उदय होगा?
2 points
कौन सी कषाय सकल चारित्र का घात करती है?
1 point
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Q10. प्रत्याख्यान कषाय के उदय में जीव क्या कर सकता है?
1 point
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Q11. यथाख्यात चारित्र कौन से गुणस्थान में प्रकट  होता है?
1 point
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Q12. संज्जवलन कषाय कौन से गुण स्थान तक रहती है?
1 point
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Q13. सकल चारित्र में किन कषायों का अभाव होता है
2 points
Q14. नो कषाय के तीन जोड़े
1 point
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Q15. कौन सी कषाय का अभाव होने पर जीव को  सकल चारित्र का भाव होगा?
2 points
Q16. सकल चारित्र लेने पर कौन सी कषाय के देशघाती -स्पर्धको का उदय रहेगा?
1 point
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Q17. आत्मा के गुणों का घात किससे होता है?
2 points
Q18. प्रत्याख्यान का अर्थ
1 point
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Q19. इषत् का मतलब?
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Q20. अप्रत्याख्यान कषाय मे कौन सेस्पर्धक होते हैं ?
1 point
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Q21. क्षयोपशम चारित्र कब प्रकट होगा?
1 point
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Q22. गुरुदेव ने आत्मा के चार दरवाजे किसे कहे है?
1 point
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Q23. संज्वलन कषाय का उदय किस गुणस्थान तक रह सकता है?
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Q24. संज्वलन कषाय का कार्य क्या है?
1 point
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