प्रेम वाहिनी (पुनर्स्मरण) -प्रश्नावली- अध्याय-7

ॐ श्री साईं राम!
क्विज (प्रश्नोत्तरी)- प्रेम वाहिनी (पुनर्स्मरण) - प्रश्नावली
प्रिय साईं परिवार सदस्य, सप्रेम साईंराम! सारे भक्त/साधकों से , जो वाहिनी पारायण कर रहे हैं, अनुरोध है कि क्विज के द्वारा अपनी प्रज्ञा को पुनः तरोताजा कर लें।  -श्री सत्या साईं वाहिनी पारायण ‌टीम - हेल्पलाइन   -- 23nov1926@gmail.com 
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1.ज्ञान का अर्थ जानकारी होता है। परंतु यह कोरी बौद्धिक क्रिया मात्र है। *
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2. खाना क्रिया कब सार्थक होता है? *
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3. ज्ञान से भी जीवन के क्षण व्याप्त और अनुप्राणित होने चाहिए। *
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4. अभिव्यक्ति सभी___और___के द्वारा सभी क्रियाओं में होनी चाहिए।मानव को इस__स्थिति तक पहुंचना है।__का भंडार भर लेना ही ज्ञान नहीं होता है। केवल__ ही ज्ञान होता है। *
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५. सही जोड़ी का मिलान करें---- *
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6. पूजा का अर्थ पुष्प चयन करना और उसे मूर्ति पर रख देना मात्र होता है। *
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7. माली भी पुष्पों को उगाने के लिए पौधों की सेवा करता है, जिससे पुष्प उत्पन्न होते हैं भगवान का  पुजारी है। *
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8. शरीर को उपयुक्त भोजन न देने से ही तो यह सक्षम और सक्रिय होता है। बलिदान का साधन भी यज्ञ ही होता है *
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9. भगवान की पूजा हेतु सृष्टि का उपयोग को "यज्ञ" समाज में न्याय और शक्ति की स्थापना "दान" शारीरिक कार्यों का नियमन और सामंजस्य को "तप' कहते हैं। *
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10. इन तीनों के निमित्त किया सभी कार्य बलिदान के अंतर्गत आता है। सभी मानव कृत्य इन्हीं तीन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु की जानी चाहिए *
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