श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-6 अभ्यास : Revision Class 08
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. बिना शील और व्रतों के  कौन सी आयु का आस्त्रव हो सकता है?

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सराग संयमी को देवायु का बंध होता है।

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तिर्यंच कौनसे स्वर्ग तक उत्पन्न हो सकते हैं?

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सम्यग्दृष्टि कौनसे देवों में उत्पन्न होता है?

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 सम्यग्दर्शन बंध का कारण नहीं है। यह कथन है-

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 राजा श्रेणिक ने कौन से नरक की आयु का बंध किया था?

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 सम्यक्त्व किसका कारण है?

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अकाम निर्जरा का अर्थ है -

अपनी इच्छा से भोगों पर नियंत्रण कर के  समभाव में रहना

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अकाम निर्जरा में किसे साधा जाता है ?

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सराग संयमी किसे साधता है ?

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बाल तप करने वाला किसे नहीं साधता ?

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बाल तप का अर्थ है-

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सराग संयमी नियम से वैमानिकों में ही पैदा होता है l 

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संयंमा संयमी देवगति के चारो निकायों में से किसी में भी उत्पन्न हो सकता है।

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 .  किन कारणों से देवायु का आस्त्रव होता है ?

2 points

   पराधीनता में दुखों को शांत परिणामों से सहने से देवायु का आस्त्रव होता है?

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.मिथ्यादृष्टि का अज्ञान के साथ किया गया तप बालतप है।

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. किनमें होता है?
4 points
देव
मनुष्य
तिर्यंच
सराग संयम
संयमासंयम
अकाम निर्जरा
सम्यक्त्व

 बालतप के संदर्भ में क्या सही है?

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निःशीलव्रतत्वं च - - - I

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उसे मनुष्यायु का आस्त्रव  हो सकता है जो कि -

2 points

सम्यक्त्व देव और मनुष्य आयु के आस्त्रव का कारण है।

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व्रतों से रहित जो होता है उसके देवायु का आस्त्रव नहीं हो सकता।

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देव शील से सहित होते हैं।

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सभी नारकी शील से रहित होते हैं।

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कौनसा कथन सत्य है?

2 points

सत्य कथन बताइये ।

भोगभूमि के मनुष्य -

2 points

असत्य कथन बताइये।

2 points
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