श्री तत्त्वार्थ सूत्र जी अध्याय -5
class 19
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1. निगोद जीव की अवगाहना कितनी होती हैं?
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2.  केवली समुद्घात के माध्यम से जीव पूरे लोकाकाश में भी अपने प्रदेशों को फैला सकता है?
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3.  ___ गुरूदेह पमाणो। पूर्ण करो-
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4.  व्यवहार से अणुगुरूदेह पमाणो वाला कौन होता है?
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5.  कर्म से रहित होने पर भी जीव का स्वभाव संकोच और विस्तार होता है।यह कथन कैसा है?
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6.  कर्म से रहित होने पर जीव की अवगाहना कितनी होती हैं?
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7.  गुरूदेव ने मिट्टी और पानी के उदाहरण में कर्म किसे बताया है?
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8.  सिद्ध जीव के विषय में क्या सत्य है?
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9. संकोच और विस्तार को समझाने के लिए प्रदीपवत् का उदाहरण दिया गया है? यह कथन कैसा है-
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