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श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-4
class 02
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1.
देव गति में कौनसे जीव उत्पन्न नहीं हो सकते?
2 points
देव गति के
नारकी
मनुष्य
अपर्याप्तक मनुष्य
2.भवनत्रिक किसे कहते हैं?
1 point
भवनवासी
व्यंतर
ज्योतिषी
तीनों
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3. भवनत्रिकों में अपर्याप्त अवस्था में कौनसी लेश्या होती है?
2 points
कृष्ण
नील
कापोत
पीत
4.भवनत्रिकों में पर्याप्त अवस्था में कौनसी लेश्या होती है?
1 point
कृष्ण
नील
कापोत
पीत
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5. भोगभूमि के जीव के भवनत्रिक में जन्म लेते ही एक अंतर्मुहुर्त तक कौनसी लेश्या होती है?
1 point
शुभ
अशुभ
दोनों
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6. देवों में पर्याप्तक दशा में कौनसी लेश्या होती है?
1 point
शुभ
अशुभ
दोनों
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7. सूत्र पूरा कीजिये “दशाष्ट-पंच-…..विकल्पाः कल्पोपपन्न पर्यंताः”
1 point
एकादश
सप्त
अष्ट
द्वादश
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8. भवनवासी देवों के कितने भेद हैं?
1 point
8
10
5
12
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9. 8 भेद किसके हैं?
1 point
भवनवासी
व्यंतर
ज्योतिषी
कल्पवासी
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10. ज्योतिषी एवं कल्पवासी देव क्रमशः कितने प्रकार के होते हैं?
1 point
8,10
10,5
5,12
12,5
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11. कल्पोपपन्न पर्यंताः कहां तक घटित होता है?
0 points
बारहवें स्वर्ग तक
आठवें स्वर्ग तक
सोलहवें स्वर्ग तक
नवें ग्रैवेयक तक
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1
2 . ज्योतिष देवों में इनमें से कौनसी लेश्या होती है ?
2 points
पीत
कृष्ण
नील
शुक्ल
13 . भवनत्रिकों में अशुभ लेश्या कौनसी अवस्था में होती है ?
1 point
पर्याप्तक
अपर्याप्तक
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