श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-2
कक्षा/Class - 12
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Q1.  दर्शन मोहनीय कर्म के कौन कौन से भेद हैं ?
2 points
Q2.  किसके बिना क्षयोपशम सम्यकदर्शन हो सकता है ?  
1 point
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Q3. क्षयोपशम सम्यक्दर्शन में  किसका उपशमन होता है ?
2 points
Q4.  किस कर्म के उदय में क्षयोपशम सम्यकदर्शन का भाव बनता  है?
2 points
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Q5. आत्मा के परिणामों की निर्मलता का बढ़ता क्रम कौन सा है ?
1 point
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Q6. क्षयोपशम समयक दर्शन में लगने वाले दोष कौन से है ?
2 points
Q7. "यह भगवान की प्रतिमा मैंने स्थापित की है, यह मेरे हैं" |  ऐसा भाव समयकदर्शन का कौन सा दोष है?
1 point
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Q8. सम्यग्दर्शन में लगे दोषों का अर्थ क्या है ?
2 points
Q9 . श्री जी की पूजन से भौतिक सुखो की आशा करना समयक्त्व का कौन सा दोष है?
1 point
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Q10 .पार्श्वनाथ भगवान की आराधना करने से सभी विघ्न दूर होंगे, ऐसा भाव आना कौन सा दोष है?
1 point
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Q11. कौन सा कर्म उपकारी बताया गया है ?
1 point
Q12. सम्यक दर्शन कितने समय तक रहता है?
2 points
Q13. उपशम सम्यतव होने के बाद मिथ्यात्व के कितने टुकड़े हो जाते है?
1 point
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Q14. क्षयोपशम सम्यग्दर्शन कितने प्रकृतियों के उपशमन से हमारी आत्मा मे उत्पन्न होता है?
1 point
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Q15 . कौन सा सम्यग्दर्शन सम्यक प्रकृति के उदय से हमारी आत्मा मे उत्पन्न होता है?
1 point
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Q16 . क्षयोपशम सम्यग्दर्शन मे कौन से दोष लगते है?
2 points
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Q17.  असाता के उदय में कर्म सिद्धांत में शंका आ जाना कौन सा दोष है?
1 point
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Q18. दर्शन मोहनीय के कितने भेद है?
1 point
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Q19. दर्शन मोहनीय के कौन कौन से भेद है?
0 points
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Q20. अनुभाग शक्ति किस मे सबसे ज्यादा होती है?
1 point
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Q21. अनुभाग शक्ति किस मे सबसे कम होती हैं?
1 point
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Q22. कौन सा कर्म तीनों लोक के नाथ बनाने का कारण  है?
1 point
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