श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-2  
कक्षा/Class - 44
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Q1. जीव आहारक कब होता है?
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Q2. जीव अनाहारक कब होगा?
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Q3. विग्रह गति में जीव के साथ क्या रहता है?
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Q4. विग्रह गति में कौन से कर्म का बंध होता है?
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Q5.  विग्रह गति में कर्म बंध का क्या कारण है?
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Q6. विग्रह गति मे जीव के कौनसे गुणस्थान नहीं हो सकते -
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Q7. चौथे गुणस्थान से ऊपर मरने वाला जीव नियम से कौन सी आयु को प्राप्त करेगा?
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Q8.  दसवें गुणस्थान में मरण करने वाला जीव देव आयु प्राप्त करने पर कौन से गुणस्थान को प्राप्त करेगा?
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Q9. विग्रह गति में जीव  गुणस्थान रहित हो  जाता है?
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Q10. सम्यग्दृष्टि देव के चौथे गुणस्थान से ऊपर के गुणस्थान क्यों नहीं होते ?
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Q11. विग्रह गति में कौन-कौन से  गुणस्थान हो सकते हैं?
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Q12. दूसरे गुणस्थान का क्या नाम है?
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Q13.  जीव के अनाहारक दशा किस अवस्था में होती है?
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Q14. केवली भगवान के समुद्घात कितने प्रकार से होता है?
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Q15. किस समुद्धात में केवली भगवान का जीव अनाहारक होगा?
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Q16.  केवली भगवान के समुद्घात में कितने समय तक अनाहारक अवस्था रहेगी?
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Q17.   केवली भगवान के पूरे समुद्घात में कितना समय लगता है?
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Q18. समुद्घात के आठ समय में से कितने समय तक जीव अनाहारक  रहता है?
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Q19.  अनाहारक का अर्थ है -
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Q20. विग्रह गति में जीव के साथ होते हैं
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Q21. विग्रह गति में जीव में आठ कर्मो में से आयु कर्म का बंध नहीं होगा
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Q22.  विग्रह गति में जीव में
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