श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-2
कक्षा/Class - 19
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Q1 भव्य कौन हो सकता है?
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Q2. किस को समझाने के लिए ठर्रा मूंग का उदाहरण दिया गया है?
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Q3. द्रव्य का अनादि स्वभाव क्या है?
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Q4.अभव्य जीव पुरुषार्थ से भव्य हो सकता है
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Q5.लेश्या किसे कहते  हैं ?
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अभव्य महाव्रती का कौन सा गुणस्थान होता है?
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Q7. जीव में भव्यपना/अभव्यपना किस कारण से होता है?
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Q8. भव्य जीव कितने प्रकार के होते हैं?
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Q9. किसी भी कार्य में निमित्त कब काम करता है?
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Q10. अंध पाषाण कौन सा होता है?
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Q11. अभव्य जीव को कभी मोक्ष की प्राप्ति  क्यों नहीं होगी?
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Q12.निम्न में से पारिणामिक भाव  कौन से  हैं?
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Q13. इनमें से कौन-कौन से गुणस्थान भव्य जीव के हो सकते हैं ?
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Q14. द्रव्य की स्वयं की योग्यता को उपादान कहते हैं ।
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Q15. दो भव बाद मोक्ष प्राप्त करने वाला जीव क्या कहलाता है -
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