प्रेम वाहिनी (पुनर्स्मरण) -प्रश्नावली- अध्याय-4

ॐ श्री साईं राम!
क्विज (प्रश्नोत्तरी)- प्रेम वाहिनी (पुनर्स्मरण) - प्रश्नावली
प्रिय साईं परिवार सदस्य, सप्रेम साईंराम! सारे भक्त/साधकों से , जो वाहिनी पारायण कर रहे हैं, अनुरोध है कि क्विज के द्वारा अपनी प्रज्ञा को पुनः तरोताजा कर लें।  -श्री सत्या साईं वाहिनी पारायण ‌टीम - हेल्पलाइन   -- 23nov1926@gmail.com 
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श्री सत्य साईं  सेवा समिति / श्री सत्य साईं भजन मंडली (नाम) *
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1. कब निद्रा को भी समाधि कहा जा सकता है? *
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2. भीतरी तौर से देखने पर मानव जीवन खाने-पीने, परिश्रम करने और सोने का अनवरत चक्र सा प्रतीत होता है। *
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3. अपने को शरीर __बैठना ही मानव का बड़ा__है। शरीर की __,___ के लिए,__ के लिए विविध __ का ___किया है। *
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4.__पाकर जब शरीर__और__हो जाता है, फिर भी वह किसी न किसी उपाय से इसे__और___ बनाए रखने का प्रयास करता है। परंतु__को कब तक टाला जा सकता है। *
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५. सही जोड़ी का मिलान करें---- *
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6. स्मरण रहे तुम शरीर नहीं हो; यह शरीर 'तुम' नहीं हो सकता। तत्वमसि, यह (भगवान) तुम्हीं हो। यह सर्वोच्च और पवित्रतम महावाक्य है। *
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7. व्यक्ति केवल स्थूल शरीर में चैतन्य रहता है। *
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8. सही जोड़ी का मिलान करें----- *
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9. सृष्टि के पदार्थों की___मानव और माधव का क्रमशः___और __की भूमिका का निर्वाह करना; सृष्टि ही__की सामग्री है,मानव__है, __ पूज्य हैं *
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10. सूर्योदय से सूर्यास्त तक भगवदार्पण की भावना से हर कर्म किया जाय, तो भगवद्सेवा की लंबी श्रृंखला बन जाती है, इससे क्या लाभ है?
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