आपके न चाहने पर भी आपके दिमाग मे अजीबोगरीब विचार आते रहते हैं।आप एक ही चीज को बार बार छूते, गिनते हैं अथवा एक ही कार्य को बार-बार करते हैं जैसे कि हाथों को बार-बार धोना,
विचार- एक शब्द, वाक्य या ध्वनि जो बुरी लगती हो, परेशान करती हो अथवा ईर्ष्या या निन्दापूर्ण हो। आप उसको न सोचने की कोशिश करते हैं लेकिन आप ऐसा कर नहीं पाते। आप चिन्ता करते हैं कि आप को कोई संक्रमण (कीटाणु, धूल या एच आई वी द्वारा या कैंसर) न हो जाय या आपकी लापरवाही से किसी को नुकसान हो सकता है।
दिमाग में तस्वीरें – जो दिखाती हैं कि आपके परिवार में किसी की म्रृत्यु हो गयी है, या आप उग्र व्यवहार कर रहे है। सेक्स सम्बन्धी जो आपके व्यक्तित्व से मेल न खाती हो, चाकू भोकतें हुये या गाली देते हुये या धोखाधड़ी करते हुये।
संदेह/शंका- आप घंटों विस्मित रहते कि कही आपसे कोई एक्सीडेंट तो नही हो गया या आपसे किसी को नुक़सान पहुंचाया आप चिन्तित रह सकते हैं कि अपनी कार से किसी को टक्कर मार दी है या आपने अपने घर की खिड़की और दरवाजे खुले छोड़ दिये हैं।
चिन्तायें- आप अपने आप से लगातार बहस करते हैं कि इस कार्य को करुँ या उस कार्य को करुँ। इस प्रकार आप छोटा सा निर्णय भी नहीं कर पाते।
पूर्णतावाद - दूसरे लोगों की अपेक्षा आप ज्यादा परेशान हो जाते हैं यदि चीजे बिल्कुल सही ढंग से सही अनुपात में या सही जगह पर न हो। उदाहरण के लिए अगर किताबें अलमारी ठीक ढंग से न रखी हों।
क्या आपको पिछले 1 महीने के दौरान चिंता को दूर करने के लिए बार-बार कुछ दोहराए जाने वाले व्यवहार या मानसिक कार्य करने पड़ते हैं?