श्री तत्त्वार्थ सूत्र जी अध्याय -5
class 22
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1 .पुद्गल द्रव्य का उपकार किस रूप में है?

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2 . मूलभूत शरीर कौनसा है?

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3 . पुद्गल वर्गणाएं कितने प्रकार की होती है?

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4. शरीर बनाने वाली वर्गणाएं है -

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5. संसार का मूलभूत कारण शरीर ही है ।

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6 . वचन शक्ति के लिए कर्मों के क्षयोपशम की आवश्यकता नहीं होती ।

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7 . वचन शक्ति प्रारम्भ होती है-

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8 . वचन कितने प्रकार के होते हैं?

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9 . जीव जो बोलने का भाव करता है ,वह क्या है ?

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10. हम प्रणम्य सागर जी महाराज के जो प्रवचन सुनते हैं , वे है -

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12. पुद्गल से कौनसे प्रकार के वचन उत्पन्न होते हैं?
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13. कौनसे वचन के लिए कर्मों का क्षयोपशम चाहिए?
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14 . वचन शक्ति के लिए कौनसे कमों का क्षयोपशम चाहिए?

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15. भाषा वर्गणाएं पौद्गलिक होती है ।
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16. हमारे काम में आने वाली वर्गणाएं कितने प्रकार की है?

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17 . प्रणम्य सागर जी महाराज के प्रवचन सुनने में किसका उपकार है?

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18 . समवशरण में दिव्य ध्वनि सुनने वालों जीवों पर पुदगल द्रव्य का उपकार है।

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