श्री तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय-2  
कक्षा/Class - 34
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Q1. प्रत्येक जीव में कर्म का क्षयोपशम अलग अलग होता है |
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 Q2.  भाव इंद्रिय की रचना किस कर्म पर  निर्भर करती है ?
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Q3. भाव इन्द्रिय की रचना वीर्यान्तराय कर्म,  इंद्रियावरण कर्म के क्षयोपशम से होती है ।
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Q4 . द्रव्य इन्द्रिय की रचना कर्म के उदय और भाव इन्द्रिय की रचना कर्म के क्षयोपशम से होती  है।
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   Q5 . आत्मा ने इन्द्रियों की रचना की, इन्द्रियों में ज्ञान आया इसलिए इन्हें ज्ञानेन्द्रीय कहा।
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Q6 . कर्म के क्षयोपशम के कारण आत्मा  इन्द्रियों के अधीन हो जाता जिसके कारण आत्मा का ही ज्ञान इन्द्रियों के द्वारा  जाना जाता है।
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Q7 . आत्मा को बाहर की जानकारियां कौन देता है ?
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Q8 . उपयोग का अनुभव किसे नहीं होता ?
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Q9 . आत्मा अपने ज्ञान को मन औऱ इन्द्रियों के माध्यम से जानता है वह (मन और) इन्द्रियाँ  क्या कहलाती हैं?
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Q10. ज्ञानेंद्रिय किसलिए कहते हैं?
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Q11 . इंद्रियाँ जानने में क्या हैं ?
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Q12 . जो अपनी आत्मा और इंद्रियों को एक माने वह  ......
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Q13 . एक इंद्रिय जीव में होगा ?
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Q14 .भेद ज्ञान  ध्यान में काम आता  है?
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Q15 . पदार्थ का सन्निकर्ष किस इंद्रिय में होता है?
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Q . 16 . एक इंद्रिय जीव में कौनसी इन्द्रियां होती है?
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Q 17 . स्पर्श , रस , गंध , वर्ण, शब्द संबंधी इंन्द्रियां  कैसे ) मिलती है?
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Q 18 . चार इंद्रिय जीव में कौन सी  इन्द्रिय नहीं होती?
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